गौमाता सड़कों में कर रही सबको पस्त…. प्रशासन अपने में मस्त…

गौमाता सड़कों में कर रही सबको पस्त…. प्रशासन अपने में मस्त…

अभनपुर क्षेत्र में क़रीब 2 महीनों से समस्या है आसपास के गांव से भी गौ माता सड़को पर ही बैठे रहती हैं, जिनकी वजह से वाहन दुर्घटनाएं हो रही हैं।वाहन चालक भी इनके के कारण घायल हो रहे हैं।

वहीं क्षेत्र में बनाई गई गौठान में न के बराबर गायें हैं, जबकि इन गौठानो का निर्माण गौ माता के रूकने और भोजन की व्यवस्था करने के उद्देश्य से की गई थी।

गौठान प्रबंधन भी गौ माता को खुला छोड़ गौठानो के बाहर कर देते हैं, जो दुर्घटना का शिकार होती हैं या दुर्घटनाओं को जन्म देती है।

सनातन धर्म में गाय को गौ माता कहते है। धर्म शास्त्रों में लिखा है। कि गाय के शरीर मे 33 कोटि देवी देवता निवास करते हैं। गौ माता पूज्यनीय है, लेकिन हालात दिनों दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं

हजारों एकड़ खाली पड़ी जमीन पर किसान कृषि करने लगे, शहरों में वहां कॉलोनियां बनकर मकान विकसित हो गए। दूसरी ओर जंगल कट कट कर वीरान हो गए।t

अब जानवरों के लिए एक मुठ्ठी भर चारा मिलना नसीब का खेल हो गया है।

चारे पानी के खर्चे से बचने अधिकतर पशुपालकों ने अनोखा उपाय सोचा है कि अपने जानवरों को सड़कों पर खुला छोड़ दो

गौ माता कहीं से भी अपना पेट भर लेंगे, तथा उनका चारे पानी का खर्च बचेगा।

जिसके चलते गौ माता अब पेट भरने के लिए अभनपुर शहर और गांवों में घूमने लगे हैं। जबकि अब से कुछ साल पहले तक अधिकतर लोग गौ माता को पालते थे।

लोग अपने गौ माता को बांधकर रखते थे। आज वही सड़कों पर खुले घूमते रहते हैं। सवाल है आखिरकार ये बेचारे गौ माता जाएं तो जाएं कहां।