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( प्रचंड धारा ) मराठा आरक्षण आंदोलन कारियो ने जलाया MLA Prakash solanke का घर , बहुत हिंसक हुए आंदोलनकारी , अब तक 12 लोगो ने दी जाने

मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के कई शहरों में कानून-व्यवस्था बिगड़ गई है. प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरकर सरकारी प्रॉपर्टी को आग के हवाले कर रहे हैं. इतना ही नहीं मराठा आंदोलनकारियों ने बीड जिले के माजलगांव में अजित पवार गुट के एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके का बंगला भी जला दिया है, इस दौरान बंगले में खड़ीं 8 से 10 टू-व्हीलर भी जलकर खाक हो गईं.

बताया जा रहा है कि घटना के समय पुलिस बल मौके पर मौजूद था, लेकिन पथराव और उसके बाद आक्रामक भीड़ के कारण पुलिस बल कम पड़ गया. इस घटना पर विधायक प्रकाश सोलंके का भी बयान आया है. सोलंके ने कहा है कि जिस वक्त हमला हुआ वह अपने बीड वाले घर के अंदर ही थे. हालांकि, इस हमले में मेरे परिवार या स्टाफ का कोई भी सदस्य घायल नहीं हुआ. हम सभी लोग सही सलामत हैं, लेकिन इस घटना से प्रॉपर्टी का बड़ा नुकसान हुआ है.

विधायक प्रकाश सोलंके के घर को आग लगाने के बाद आंदोलनकारियों ने माजलगांव नगर परिषद की बिल्डिंग में भी आग लगा दी

इस घटना से इमारत को भारी नुकसान हुआ है. आशंका जताई जा रही है कि नगरपरिषद दफ्तर के दस्तावेज भी इस आगजनी में खाक हो गए होंगे. मराठा आरक्षण को लेकर लगातार जारी पथराव और आगजनीकी घटनाओं के कारण नांदेड़ में स्टेट ट्रांसपोर्ट (ST) बस सेवा दो दिनों के लिए बंद हो गई. गाड़ियों को जिले के डिपो में खड़ा कर दिया गया. दूर जाने वाली यात्राएं रद्द कर दी गई हैं.

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर शनिवार 28 अक्टूबर को एक पंचायत सदस्य ने खुदकुशी कर ली। मरने वाले का नाम महेश कदम था। वह अहमदनगर की ढालेगांव तहसील का रहने वाला था। महेश ने सुसाइड नोट में लिखा कि लगातार सूखे के चलते स्थिति खराब होती जा रही है। मुझे मराठा रिजर्वेशन नहीं मिला, जिसके चलते बच्चों की फीस भरना मुश्किल हो गया है।

इससे पहले शुक्रवार 27 अक्टूबर को 2 और लोगों ने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने बताया कि बीड़ जिले के शत्रुघ्न काशिद और उस्मानाबाद जिले के बलिराम देवीदास साबले ने आत्महत्या की। राज्य में 10 दिनों में अब तक 12 लोग अपनी जान दे चुके हैं।

मराठा आरक्षण के नेता मनोज जारांगे ने 27 अक्टूबर को बताया कि राज्य सरकार आरक्षण के विरोध में हैं।

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग लंबे समय से की जा रही है। शिंदे सरकार ने 7 सितंबर को मराठा आरक्षण पर एक कमेटी बनाई, जिसे रिटायर्ड जज संदीप शिंदे लीड कर रहे हैं। कमेटी को रिपोर्ट जमा करने की डेडलाइन बढ़ाकर 24 दिसंबर कर दी गई है।

सुसाइड करने से पहले शत्रुघ्न काशिद ने मराठा आरक्षण के समर्थन में नारे लगाए

शत्रुघ्न काशिद

बीड़ जिले के अंबाजोगई तहसील के रहने वाले 27 साल के शत्रुघ्न काशिद शुक्रवार को रात करीब साढ़े 11 बजे पानी की टंकी पर चढ़ गए। उन्होंने दो घंटे तक मनोज जारांगे और आरक्षण के समर्थन में नारे लगाए। वो सुसाइड करने जा रहा था। लोगों की सूचना पर जारांगे ने काशिद से बातचीत भी की। पुलिस ने भी उसे मनाने की कोशिश की।

कुछ देर बाद काशिद ने पानी की टंकी से कूदकर अपनी जान दे दी। इसके बाद सुबह लोगों ने काशिद का शव शिवाजी की प्रतिमा के पास रखकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। 5 मराठा गांवों और बारामती मराठा क्रांति मोर्चा ने भूख हड़ताल शुरू की और कहा कि नेता यहां न आएं।

बलिराम देवीदास साबले ने मराठा आरक्षण न मिलने से हताश होकर अपनी जान दे दी

खुदकुशी का दूसरा मामला उस्मानाबाद जिले के परांडा तहसील के डोमगांव का है। पेशे से किसान 47 साल के बलिराम देवीदास साबले ने शुक्रवार को अपने खेत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिवार के मुताबिक, साबले शुक्रवार को सुबह अपने भतीजे के साथ मराठा आरक्षण पर बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने अपने भतीजे से कहा कि मराठाओं को आरक्षण नहीं मिलने से बेहतर है कि हम आत्महत्या कर लें। इसके बाद साबले सुबह 10 बजे अपने घर से निकले। दोपहर तक जब वे घर नहीं लौटे तो उनकी पत्नी हीराबाई उन्हें ढूंढने खेत की ओर गई। जब वे अपने खेत पहुंची तो उन्होंने साबले का शव पेड़ पर लटकते हुए देखा।

गृहमंत्री अमित शाह मराठा आरक्षण के मामले की खुद निगरानी कर रहे हैं

2024 लोकसभा चुनाव में अभी 6 महीने बाकी हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर चल रहा प्रदर्शन भाजपा के लिए मुसीबत बन गया है। हालांकि महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे ने इसे साधने के लिए विदर्भ में मराठों को कुनबी (OBC) जाति का प्रमाण पत्र देने की पहल की, लेकिन यहां पार्टी का मजबूत OBC वर्ग भड़क गया है।

डैमेज कंट्रोल के लिए खुद गृहमंत्री अमित शाह निगरानी कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने महाराष्ट्र के CM एकनाथ शिंदे व डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक की। सूत्रों का कहना है कि इसमें यह बात आई कि जिस तरह का माहौल और कानूनी अड़चन है, उसमें मराठों को आरक्षण देना संभव नहीं है।

पहले यह कोशिश की गई थी कि मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र दिया जाए, ताकि उन्हें OBC आरक्षण का लाभ मिल सके, लेकिन इससे मराठा आरक्षण की मांग ठंडी नहीं पड़ी। उलटा विदर्भ का OBC समुदाय भड़क गया। कंधार में भाजपा सांसद का काफिला पहुंचा तो उस पर पथराव किया गया।

बीड जिले में लगी धारा 144

बीड जिला कलेक्टर दीपा मुधोल मुंडे ने जिला मुख्यालय और जिले के सभी तालुका मुख्यालयों के 5 किलोमीटर के दायरे में सीआरपीसी 144(2) के तहत निषेधाज्ञा आदेश जारी किए हैं। जिले में आज हुई हिंसा की घटनाओं के बाद अधिकारियों ने यह फैसला लिया है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में मराठा आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक के बाद सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया, ”मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए बनी जस्टिस शिंदे समिति ने अपनी पहली रिपोर्ट हमें सौंप दी है। समिति को दो महीने का विस्तार दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट मराठा आरक्षण के मुद्दे पर हमारी उपचारात्मक याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है…लोगों से मेरी गंभीर अपील है कि वे कोई भी अतिवादी कदम न उठाएं, हम मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

इसके बाद आंदोलन हिंसक हो गया। राकांपा विधायक प्रकाश सोलंके के बीड स्थित आवास पर मराठा आरक्षण प्रदर्शनकारियों ने हमला किया है। सोलंके ने बताया, ‘जब हमला हुआ तब मैं अपने घर के अंदर था। सौभाग्य से मेरे परिवार का कोई भी सदस्य या कर्मचारी घायल नहीं हुआ। हम सभी सुरक्षित हैं लेकिन एक आग के कारण संपत्ति का भारी नुकसान हुआ।”

एनसीपी विधायक के आवास पर हमले पर पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ने दिल्ली में प्रतिक्रिया दी और कहा, ‘यह महाराष्ट्र के गृह मंत्री और सरकार की पूरी विफलता है। यह ट्रिपल इंजन सरकार की विफलता है। आज एक विधायक के घर में आग लगा दी गई, गृह मंत्रालय और गृह मंत्री क्या कर रहे हैं? यह उनकी जिम्मेदारी है।’