(प्रचंड धारा) अभनपुर… विजयादशमी के अवसर पर अभनपुर थाना में शस्त्र पूजन किया गया।इस अवसर पर प्रभारी राहुल शर्मा द्वारा थाने के सभी अस्त्र शस्त्रों पर अक्षत पुष्प चढ़ाकर पूजा की गई ,इस दौरान के अधिकारी कर्मचारी एवम पुलिसकर्मी उपस्थित रहे।
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पूरे अभनपुर के पुलिस स्टाफ़ ने की पूजा
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भारतीय सेना(Indian ARMY) भी आज के दिन हर साल करती है शस्त्र पूजा
भारतीय सेना भी हर साल दशहरे के दिन शस्त्र पूजा करती है। इस पूजा में सबसे पहले मां दुर्गा की दोनो योगनियां जया और विजया की पूजा होती है फिर अस्त्र-शस्त्रों को पूजा जाता है। इस पूजा का उद्देश्य सीमा की सुरक्षा में देवी का आशीर्वाद प्राप्त करना है। मान्यताओं के अनुसार रामायण काल से ही शस्त्र पूजा की परंपरा चली आ रही है|
त्रेतायुग से चली आ रही है “शस्त्र पूजन” की परंपरा
भगवान राम ने रावण से युद्ध करने से पहले की थी शस्त्र पूजा ।
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दशहरे के दिन शस्त्र पूजा करने की परंपरा आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से चली आ रही है।
प्राचीन समय में राजा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा किया करते थे।
पुराने राजा इसके साथ ही अपने शत्रुओं से लड़ने के लिए शस्त्रों का चुनाव भी किया करते थे।
प्राचीन समय में राजा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए इस दिन शस्त्र पूजा किया करते थे। साथ ही अपने शत्रुओं से लड़ने के लिए शस्त्रों का चुनाव भी किया करते थे।
देश के कई सारे हिस्सों में इस दिन रावण के पुतले को जलाया जाता है, क्योंकि भगवान श्रीराम ने आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन लंकापति रावण का वध किया था. … विजयादशमी पर मां दुर्गा ने महिषासुर का नाश किया था इसलिए इस दिन शस्त्र की पूजा होती है और इसी दिन शमी के पेड़ की पूजा भी की जाती है।