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(प्रचंड धारा) नई दिल्ली… नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर सभी देशों की सहमति बन गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद इसकी जानकारी दी.
पीएम मोदी ने बताया, “हमारे टीम के हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर आम सहमति बनी है.”
उन्होंने कहा, “मेरा प्रस्ताव है कि इस लीडर्स डिक्लेरेशन को भी एडॉप्ट किया जाए. मैं इस डिक्लेरेशन को एडॉप्ट करने की घोषणा करता हूं.”
उन्होंने कहा, “इस अवसर पर मैं हमारे मंत्रीगण, शेरपा और सभी अधिकारियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं. जिन्होंने अथाह परिश्रम करके इसे सार्थक किया है.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 के सभी सदस्यों के प्रति अपना आभार जताया.

पीएम मोदी के सामने लगे बोर्ड पर ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’

जी-20 शिखर सम्मेलन के पहले सत्र में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘वन अर्थ वन फैमिली’ पर प्रमुखता से बात की. उन्होंने मानव आधारित विकास करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति ने हमेशा से इसे बढ़ावा दिया है.
इससे पहले नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे जी-20 देशों के सम्मेलन के पहले दिन शनिवार को जब पीएम मोदी अपना उद्घाटन भाषण दे रहे थे तो कई लोगों का ध्यान उनकी मेज़ पर रखे बोर्ड पर जा रहा था.
उनके सामने रखे बोर्ड पर ‘भारत’ लिखा था. अतीत में ऐसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ‘इंडिया’ लिखा हुआ देखा जाता रहा है.


वहीं, बीते साल 15 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में जी-20 देशों का जो सम्मेलन हुआ था उसमें पीएम मोदी के सामने रखे बोर्ड पर ‘इंडिया’ लिखा था.
बीते दिनों जी-20 सम्मेलन से जुड़े कार्यक्रम के लिए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के निमंत्रण पत्र में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ लिखा होने को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था.
शुक्रवार को ही संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि अगर भारत उसके पास औपचारिक मांग भेजता है और सभी औपचारिकताएं पूरी कर देता है तो वह संयुक्त राष्ट्र के रिकॉर्ड में ‘इंडिया’ का नाम ‘भारत’ कर देगा.
कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि मोदी सरकार देश का नाम ‘इंडिया’ से बदल कर ‘भारत’ करना चाहती है.
उनका कहना था कि विपक्षी गठबंधन ने अपना नाम ‘इंडिया’ रखा है जिस वजह से बीजेपी सरकार जानबूझ कर अब ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ नाम का इस्तेमाल कर रही है.
मीडिया रिपोर्टों में दावा भी किया जा रहा है कि 18 सितंबर से शुरू हो रहे संसद के आगामी विशेष सत्र में इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव भी लाया जा सकता है. हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

इस बहस में बीजेपी के नेता तर्क देते रहे हैं कि इंडिया की जगह भारत ही नाम होना चाहिए वहीं विपक्ष के नेताओं का कहना है कि भारत के संविधान में पहले से ही भारत नाम भी दर्ज है.


हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने मंत्रियों से कहा था कि वो ‘भारत’ नाम पर राजनीतिक विवाद से बचने की सलाह दी थी और कहा था कि देश का प्राचीन नाम ‘भारत’ ही रहा है.
संविधान के हिंदी संस्करण में इंडिया की जगह हर जगह भारत ही लिखा है, सिर्फ़ उन उल्लेखों को छोड़कर जहां देश के नाम का ज़िक्र है. संविधान में देश का नाम है, “भारत डैट इज़ इंडिया यानी ‘भारत जो इंडिया है’.”
देश का नाम बदलकर सिर्फ़ भारत करने के लिए संवैधानिक संशोधन ज़रूरी होगा जो सदन में सिर्फ़ तो-तिहाई बहुमत से ही पारित किया जा सकता है.