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( प्रचंड धारा ) PM मोदी ने किया बड़ा ऐलान भाजपा के वरिष्ठ नेता और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरे श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात की जानकारी दी है।

बता दें कि पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी राममंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक थे। आंदोलन को गति देने का श्रेय उन्हीं को जाता है। ऐसे में मोदी सरकार का यह फैसला उन्हें आंदोलन के तोहफे के तौर पर देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा कि श्री एलके आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा, मैंने खुद उनसे बात करके बधाई दी। भारत के विकास में उनका योगदान बहुमूल्य है। उन्होंने देश में जमीन पर काम करके सेवा की और देश के उपप्रधानमंत्री बने। उन्होंने गृह मंत्री और सूचना प्रसारण मंत्री के तौर पर भी देश की सेवा की। उनका संसदीय योगदान हमेशा याद किया जाएगा। पीएम मोदी ने कहा, आडवाणी जी ने दशकों तक देश के लोगों की सेवा की। एकता और पारदर्शिता और राजनीतिक नैतिकता के मामले में उन्होंने उदाहरण प्रस्तुत किए। उन्हें भारत रत्न दिया जाना एक बेहद भावुक पल है। मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे सानिध्य में काम करने का मौका मिला। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।

बता दें कि हाल ही में मोदी सरकार ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिया है। बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के एक मात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने तीन बार पार्टी की कमान संभाली। पार्टी के गठन के बाद से उन्होंने भाजपा के लिए बहुत काम किया। वह तीन बार भाजपा के अध्यक्ष बने। लगभग 50 साल तक वह राजनीति में रहे और अटल बिहार वाजपेयी के साथ नंबर दो की हैसियत पर बने रहे। राम मंदिर के लिए रथ यात्रा करने के बाद उनकी पहचान हिंदू हृदय सम्राट के रूप में भी बनी। 1996 में सरकार बनने के बाद ऐसा भी माना जा रहा था कि वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं। हालांकि उन्होने अटल बिहारी वाजपेयी के नाम को सहर्ष स्वीकार किया। वह उस वक्त भाजपा अध्यक्ष थे। उन्होंने अपने जीवन में त्याग और बड़प्पन के कई उदाहरण प्रस्तुत किए।

2015 में मिला था पद्म विभूषण साल 2015 में आडवाणी को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के बाद वह दूसरे भाजपा नेता हैं जिन्हें भारत रत्न दिया जा रहा है। बता दें कि आडवाणी का जन्म कराची में हुआ था लेकिन वह आजादी के बाद भारत आ गएष 1970 से 1972 तक वह जनसंघ इकाई के अध्यक्ष थे। 1970 से 1989 तक वह राज्यसभा के सदस्य रहे। मोरारजी देसाई की सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे। 1989 में पहली बार वह लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद 1991, 1998, 1999, 2004 और 2009, 2014 में वह गुजरात की गांधीनगर सीट से लोकसभा सांसद रहे। अटल की सरकार में 2002 से 2005 तक उन्होंने उपप्रधानमंत्री का जिम्मा संभाला।