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(प्रचंड धारा) केंद्रीय मंत्री के बेटे ने छोड़ी राजनीति , निलेश राणे ने भाजपा को धन्यवाद दिया पढ़े पूरी खबर 🔽

भाजपा नेता नीलेश राणे (केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बड़े बेटे) ने चुनावी राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा की है। नीलेश राणे 2009 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के सदस्य के रूप में महाराष्ट्र के रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे।

नीलेश राणे ने 2014 में कांग्रेस के और फिर 2019 में महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। अपने विवादित बयानों के लिए मशहूर पूर्व सांसद निलेश राणे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उनमें सक्रिय राजनीति का उत्साह नहीं है।

नींलेश राणे ने कहा, “मैं एक आम आदमी हूं, लेकिन राजनीति ने मुझे बहुत कुछ सीखने और एक परिवार स्थापित करने का मौका दिया है। मैं सदैव उनका ऋणी रहा हूँ। मुझमें अब चुनाव या ऐसी किसी चीज़ का उत्साह नहीं है। मैं अभी भी विभिन्न अभियानों और गतिविधियों में भाग ले सकता हूं, लेकिन मुझे वह जुनून महसूस नहीं होता जो पहले हुआ करता था। मुझे पता है कि मैंने कुछ लोगों को निराश किया होगा, और मैं इसके लिए खेद व्यक्त करना चाहता हूं।” इसके बाद उन्होंने बीजेपी को भी धन्यवाद दिया।

नीलेश राणे ने ‘एक्स’ पर लिखा, “मैं आप सभी का बहुत आभारी हूं जिन्होंने पिछले 19-20 वर्षों में मुझे इतना प्यार दिया और मेरे साथ बने रहें। मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे बीजेपी में इतना प्यार मिला और मुझे बीजेपी जैसे महान संगठन में काम करने का अवसर मिला। आलोचक आलोचना करेंगे, लेकिन जहां दिल ना लगे वहां मुझे अपना और दूसरों का समय बर्बाद करना पसंद नहीं है। अनजाने में अगर कुछ लोगों को ठेस पहुंचाने के लिए मैं क्षमा चाहता हूं। आप सभी को मेरी शुभकामनाएं।”

नीलेश केंद्रीय कैबिनेट मंत्री नारायण राणे के बेटे हैं। उनके भाई नितेश नारायण राणे महाराष्ट्र विधानसभा में कंकावली निर्वाचन क्षेत्र के विधायक हैं। 15वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में निलेश राणे ने गृह मामलों की समिति और नियम समिति में भी सेवाएं दीं हैं। नीलेश राणे 2014 का लोकसभा चुनाव शिवसेना के उम्मीदवार विनायक राउत से हार गए थे। 2019 से वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। वह 2009 से 2017 तक कांग्रेस के भी सदस्य रहे हैं।