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(प्रचंड धारा)अभनपुर… इस साल 26 सितंबर से नवरात्रि शुरू हुई है। नवरात्रि हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें देवी मां के नौ स्वरूपों की 9 दिनों तक पूजा की जाती है। लोग अपने घरों में कलश स्थापना कर मां की पूजा अर्चना करते हैं। इस दौरान देवी भक्त उपवास भी रखते हैं। नवरात्रि के नौ दिन आस्था, श्रद्धा से परिपूर्ण होते हैं, जिसमें लोग मां के नौ स्वरूपों के दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं। भक्त महानवमी के दिन खासतौर पर मंदिर जाते हैं और माता के दर्शन करते हैं। वैसे तो भारत में कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर हैं, जहां भक्तों की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
वैसे ही एक मंदिर अभनपुर के निकट ग्राम चण्डी में स्थित चण्डी माता जीं का मंदिर है ।

अभनपुर नवरात्रि के पावन अवसर पर पाटन मार्ग पर स्थित ग्राम चंडी में माता चंडी का सिद्ध पीठ मंदिर स्थापित है इस वर्ष नवरात्र पर हजारों मनोकामना ज्योत प्रज्वलित की गई है इस वर्ष क्वांर नवरात्र पर श्री घृत ज्योति 71 एवं श्री तेल ज्योति 1014 कुल 1085 ज्योति प्रज्वलित की गई है।

नवरात्र पर्व के अवसर पर सभी देवी मंदिरों में आस्था का जनसैलाब उमड पड़ता है ,ईसी कड़ी में अभनपुर नगर से मात्र 5 किलो मीटर की दूरी पर बसे ग्राम चंडी में स्वयंभू प्राकट्य मां चंडी का मोकामना सिद्ध पीठ दरबार है, चंडी माता के समीप में ही शंभू प्राकट्य भोलेनाथ का विशाल शिवलिंग भी है ,निकट में बावड़ी स्थित है, इन दिनों बावड़ी की सुंदरता देखते ही बन रहा है, बावड़ी के बीचो बीच आकर्षक शिवजी की प्रतिमा स्थापित की गई है, जिसमें रात्रि को जगमग रोशनी एवं फव्वारे के साथ सुंदरता देखते ही बनता है, अभनपुर क्षेत्र के लिए मां चंडी का आशीर्वाद लोगों को सदैव मिलते रहता है, यही वजह है कि आज के वातावरण में भी मां चंडी के दरबार में हजारों मनोकामना ज्योति प्रज्वलित होती है, सुबह से लेकर देर शाम तक भक्तों का तांता लगा रहता है मां सबकी मनोकामना पूर्ण करती है।

मां शैलपुत्री
प्रथम नवरात्र में मां दुर्गा की शैलपुत्री के रूप में पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री की पूजा करने से मूलाधार चक्र जागृत हो जाता है और साधकों को सभी प्रकार की सिद्धियां स्वत: ही प्राप्त हो जाती हैं। मां का वाहन वृषभ है तथा इन्हें गाय का घी अथवा उससे बने पदार्थों का भोग लगाया जाता है।

आज माता के प्रथम दिवस मां चंडी के दरबार में दर्शन करने सैकड़ों लोग पहुंचे
मंदिर समिति के अध्यक्ष कांति भाई चावड़ा , उपाध्यक्ष नीलमणी टंण्डन, राजू निम्बेकर, संदीप दीवान, डायमंड साहू, लीला राम साहू, राम लाल साहू, विद्याभूषण सोनवानी, अनन्य निम्बेकर आदि मंदिर समिति के सदस्य माता की सेवा में लगे हुए हैं। प्रथम दिवस मां चंडी के दरबार में जय चंडी महिमा जस भजन मंडली का आयोजन किया गया।