(प्रचंड धारा) अभनपुर… पंचमी के अवसर पर मां चंडी का विशेष श्रृंगार किया गया, हजारों की संख्या में भक्त गण माता के दरबार पहुंचे,
अभनपुर नवरात्रि के पावन अवसर पर पाटन मार्ग पर स्थित ग्राम चंडी में माता चंडी का सिद्ध पीठ मंदिर स्थापित है इस वर्ष नवरात्र पर हजारों मनोकामना जोत प्रज्वलित की गई है इस वर्ष क्वांर नवरात्र पर श्री घृत ज्योति 71 एवं श्री तेल ज्योति 1014 कुल 1085 ज्योति प्रज्वलित की गई है
आज माता के पंचम दिवस मां चंडी के दरबार में दर्शन करने हज़ारों लोग पहुंचे
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स्कंदमाता के विग्रह में भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं। देवी की चार भुजाएं हैं। ये दाईं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद को गोद में लिए हैं और नीचे वाली भुजा में कमल का पुष्प सुशोभित है। बाईं तरफ ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा में है और नीचे वाली भुजा में कमल पुष्प है। इनका वर्ण एकदम श्वेत और ये स्वयं कमल के आसन पर विराजमान हैं। इसलिए इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। सिंह इनका वाहन है।
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स्कंदमाता का ध्यान मंत्र
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कंद माता यशस्विनी॥
या देवी सर्वभूतेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
चण्डी मंदिर समिति के अध्यक्ष कांति भाई चावड़ा , उपाध्यक्ष नीलमणी टंण्डन, राजू निम्बेकर, संदीप दीवान, डायमंड साहू, लीला राम साहू, राम लाल साहू, अनन्य निम्बेकर विद्याभूषण सोनवानी, आदि मंदिर समिति के सदस्य माता की सेवा में लगे हुए हैं।