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( प्रचंड धारा) छत्तीसगढ़ चुनाव… संभाग की कुछ विधानसभा सीटों पर प्रमुख पार्टियां भाजपा और कांग्रेस ने प्रत्याशी बदलकर गच्चा खाया है, लेकिन कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जहां पर एक ही प्रत्याशी पर हर बार दांव लगाया है। राज्य गठन के बाद विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने उन्हें ही प्रत्याशी बनाया है, चाहे जीत हुई हो या हार। रायपुर दक्षिण से भाजपा ने अब तक विधायक बृजमोहन अग्रवाल पर ही दांव खेला है, जबकि कांग्रेस ने हर बार प्रत्याशी बदला है। रायपुर पश्चिम विधानसभा सीट पर भी भाजपा के राजेश मूणत उम्मीदवार बने हैं। यहां कांग्रेस ने 2013 के चुनाव में हारे विकास उपाध्याय को जब दोबारा प्रत्याशी बनाया तब जीत मिली।

रायपुर उत्तर विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने पिछले तीन चुनावों में कुलदीप जुनेजा पर भरोसा जताया है । जुनेजा को दो बार जीत और एक बार हार का सामना करना पड़ा। राजधानी से लगे धरसींवा विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो भाजपा ने हर बार देवजी भाई पटेल को प्रत्याशी बनाया है। देवजी लगातार तीन चुनाव में जीते जबकि कांग्रेस ने लगातार प्रत्याशी बदलने के फार्मूले को बदलते हुए 2013 के चुनाव में देवजी के मुकाबले हारने वाली अनिता शर्मा को 2018 में टिकट दिया और वह जीत गईं। भाटापारा विधानसभा सीट पर भाजपा ने शिवरतन शर्मा पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने चैतराम साहू को हर बार प्रत्याशी बनाया है। कसडोल विधानसभा सीट से कांग्रेस ने राजकमल सिंघानिया पर तीन चुनाव में भरोसा जताया लेकिन वर्ष-2018 में उन्हें बदल दिया था।

बिलाईगढ़ सीट से भाजपा ने डा सनम जांगड़े पर हर बार दांव खेला है। धमतरी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने गुरुमुख सिंह होरा और कुरुद सीट से भाजपा ने अजय चंद्राकर को हर बार प्रत्याशी घोषित किया है। सिहावा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से पिंकी शिवराज शाह तीन बार चुनाव लड़ चुकी हैं। बसना सीट पर कांग्रेस तीन बार से देवेंद्र बहादुर सिंह पर दांव लगा रही है।
तीन दशक से दो दिग्गज ही बने विधायकः रायपुर और नवा रायपुर की सीमाओं से सटे अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में करीब 132 गांव आते हैं। यहां से वर्तमान में कांग्रेस के धनेंद्र साहू विधायक हैं। यहां पिछले तीन दशक से लगातार दो दिग्गज नेता ही विधायक चुनकर आए हैं। इनमें कांग्रेस के धनेंद्र साहू और भाजपा के चंद्रशेखर साहू शामिल हैं। इसके अलावा कोई भी तीसरा व्यक्ति यहां से विधायक नहीं बन सका है। वर्ष 1985 से अब तक अभनपुर विधानसभा क्षेत्र से धनेंद्र साहू और चंद्रशेखर साहू के बीच टक्कर रही है। भाजपा के चंद्रशेखर साहू पहली बार वर्ष 1985 में विधायक चुने गए थे। इसके बाद वर्ष-1990 और 2008 में विधायक बने। चंद्रशेखर साहू को भाजपा सरकार में कृषि मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। वे वर्ष-1998 में लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। कांग्रेस के धनेंद्र साहू वर्ष-1993, 1998, 2003, 2013 और 2018 में विधायक चुने जा चुके हैं। धनेंद्र जोगी सरकार में मंत्री और बाद में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने।